नहीं होगी मुलायम की तेरहवीं, बरसों पुराना साथी पीपल का वृक्ष गम में हुआ धरासाई

प्रखर इटावा। समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का मंगलवार को उनके पैतृक इलाके में अंतिम संस्कार कर दिया गया. बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों ने उन्हें अंतिम विदाई दी. मुलायम सिंह के निधन से उनके सर्मथक गमजदा हैं. मुलायम सिंह यादव के दुनिया से विदा होने का गम उनकी पैतृक जन्मभूमि सैफई में वर्षों से लगा एक पीपल का पेड़ भी बर्दाश्त नहीं कर पाया. नेता जी का पार्थिव शरीर जब सैफई महोत्सव पंडाल लाया गया, उसी समय नेता जी का परम प्रिय ब्रह्मदेव का पेड़ बिना आंधी-तूफान के ही धराशाई हो गया है, जबकि एक दूसरा पेड़ पूरी तरह से सुरक्षित खड़ा हुआ है. मंदिर की शक्ल में बना पूजा स्थल नेताजी मुलायम सिंह यादव के बचपन का साथी बना रहा है, लेकिन कल जब नेता जी का अंतिम संस्कार होने को था, उसी वक्त इस पेड़ का धरासाई होना कहीं ना कहीं इस बात का एहसास करा रहा है कि यह पेड़ नेताजी के जाने का गम को बर्दाश्त नहीं कर पाया है. उधर, यह भी जानकारी सामने आई है कि मुलायम सिंह यादव की तेरहवीं का आयोजन नहीं किया जाएगा. कहा जा रहा है कि परम्परा के अनुसार, मुलायम सिंह यादव की तेरहवीं नहीं होगी. क्योंकि सैफई में तेरहवीं की परंपरा नहीं है और 11वें दिन शुद्धीकरण हवन होगा. यहां मान्यता है कि अगर कोई बड़ा आदमी तेरहवीं करेगा तो उसी को देखकर गरीब आदमी भी इसी परंपरा को फोलो करेंगे और उन पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा।