– बुजुर्गों का करें सम्मान व देखभाल तो नहीं जरूरत पड़ेगी ओल्ड एज होम की
प्रखर ब्यूरो गाजीपुर। प्रत्येक वर्ष एक अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश बुजुर्गों को सम्मान देने और उनकी देखभाल करने के प्रति लोगों को जागरूक करना है। इसी को लेकर गुरुवार को जिला अस्पताल के सभागार में अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस पर एक संगोष्ठी का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर जी.सी. मौर्य की अध्यक्षता में किया गया, जिसमें उन्होंने परिवार और आस-पास के बुजुर्गों को सम्मान देने की बात कही गई। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बुजुर्गों के सम्मान और स्वास्थ्य देखभाल को ध्यान में रखते हुए जिला अस्पताल में बने 10 बेड के बुजुर्ग वार्ड (जीरियाट्रिक वार्ड) का गांधी जयंती (02 अक्टूबर) पर शुभारंभ करने की बात भी कही।
एन.सी.डी के नोडल अधिकारी एवं एसीएमओ डॉ. के.के सिंह ने बताया कि यह दिवस 60 साल की उम्र पार कर चुके बुजुर्ग जिन्हें कई तरह की बीमारियां रहती हैं, यह दिवस उन बुजुर्गों के लिए समर्पित है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जनपद के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर सप्ताह में दो दिन और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर सप्ताह में एक दिन बुजुर्गों की निःशुल्क स्वास्थ्य जांच और परामर्श सेवा मौजूद है। डॉ. वर्मा ने कहा कि यदि बुजुर्गों की सेवा घर पर ही करते रहें तो हमें ओल्ड एज होम की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इसलिए जरूरत है बुजुर्गों को घर पर अधिक से अधिक सम्मान मिले और देखभाल हो। राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी और एसीएमओ डॉ. डी.पी. सिन्हा ने बताया कि मोतियाबिंद रोग बुजुर्गों में सबसे ज्यादा होता है जिसे राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम के तहत नि:शुल्क ऑपरेशन, चश्मे का वितरण समय-समय पर किया जाता रहा है और आगे भी किया जाएगा। इस अवसर पर जिला अस्पताल के प्रभारी सीएमएस डॉ. तनवीर ने बताया कि जो बुजुर्ग अपने परिवार से दूर हो चुके हैं उनकी देखभाल करना सभी का दायित्व है। हमें अपने घरों में रहने वाले बुजुर्गों के पेंशन की इच्छा छोड़कर यदि उनका सम्मान करना शुरू कर दें तो आने वाले समय में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
इस मौके पर रवि शंकर चौरसिया, वरिष्ठ लेखाकार अमित राय, अशोक पांडे लेखा प्रबंधक एनएचएम, स्टाफ नर्स, टीबी यूनिट, आशा कार्यकर्ता आदि लोग उपस्थित रहे।