आरसीपी सिंह को सीएम नीतीश ने सौंपी जेडीयू की कमान

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प्रखर पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रामचंद्र प्रसाद उर्फ आरसीपी सिंह को जेडीयू का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया है। आरसीपी सिंह को जेडीयू की कमान सौंपकर नीतीश ने चैंकाया। आरसीपी आईएएस अधिकारी रह चुके हैं और नीतीश कुमार के स्वजातीय हैं। साथ ही उनके गृह जिले के ही निवासी हैं। वह उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी थे, लेकिन नीतीश जब केंद्र में मंत्री बने तभी आरसीपी सिंह को उत्तर प्रदेश से लाकर अपना आप्त सचिव बना लिया था। उसके बाद जब नीतीश ने बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली तो फिर आरसीपी सिंह को उत्तर प्रदेश से बुलाकर अपना प्रधान सचिव बनाया। आज नीतीश कुमार ने जेडीयू का सुप्रीमो आरसीपी को बना दिया। सियासत की समझ रखने वाला बिहार का हर आदमी ये जानता था कि आरसीपी सिंह जब नीतीश कुमार के प्रधान सचिव थे, तब भी असली पवर उनके हाथों में ही थी। 2010 में उन्होंने नौकरी से वीआरएस ले लिया और राज्यसभा जाने की इच्छा जताई, तब नीतीश कुमार उन्हें राज्यसभा भेजने को राजी नहीं थे, लेकिन आरसीपी सिंह ने जिद पकड़ी तो नीतीश कुमार के पास उन्हें राज्यसभा भेजने के अलावा दूसरा रास्ता नहीं बचा। राज्यसभा सांसद बनकर आरसीपी सिंह जेडीयू के सर्वेसर्वा बन गए। जेडीयू का पूरा संगठन उनके इशारे पर ही चलता रहा। वैसे भी नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी के संगठन महासचिव का पद दिया। उसके बाद से पार्टी का पूरा काम आरसीपी सिंह ही देख रहे हैं। पार्टी की बैठक हो या सार्वजनिक कार्यक्रम सभी में आरसीपी सिंह का रुतबा दिखता रहा है। इन कार्यक्रमों में आरसीपी सिंह नीतीश के ठीक पहले भाषण देते हैं। सियासी प्रोटोकॉल के मुताबिक जो जितना बड़ा नेता होता है वो उतना बाद में बोलता है, लेकिन आरसीपी सिंह जेडीयू संसदीय दल के नेता ललन सिंह और पार्टी के प्रधान महासचिव केसी त्यागी के बाद बोलते हैं। यानि पार्टी में उन्हें नीतीश कुमार के बाद सबसे बड़े नेता का दर्जा पहले से ही मिला हुआ था।