मात्र ₹700 में बाइक में लग जाएगा जहाज की तरह ब्लैक बॉक्स, दुर्घटना के तुरंत बाद परिजनों को मिल जायेगा लोकेशन व मैसेज

प्रखर डेस्क। कैलाश इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी एंड मैनेजमेंट (केआईपीएम) गीडा से बीटेक की पढ़ाई पूरी करने वाले छात्र शिवांश विक्रम ने एक ऐसी डिवाइस तैयार की है, जो सड़क हादसा होने पर बाइक सवार के घरवालों को अलर्ट कर देगा। साथ ही पंजीकृत मोबाइल नंबरों पर जीपीएस के माध्यम से लाइव लोकेशन का एसएमएस लिंक तत्काल भेज देगा। यही नहीं, जहां हादसा होगा, वहां तेज आवाज में सायरन बजेगा। शिवांश का कहना है कि हादसे के बाद जैसे हवाई जहाज में लगे ब्लैक बॉक्स से सब कुछ पता चल जाता है, वैसे ही बाइक व हेलमेट में लगे डिवाइस रूपी ‘ब्लैक बॉक्स’ से सटीक जानकारी मिल जाएगी। शिवांश अब अपने रिसर्च प्रोजेक्ट का पेटेंट कराने की तैयारी में हैं। शहर के शिवांश के रिसर्च प्रोजेक्ट को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू) लखनऊ ने भी मान्यता दी। गत 18 जून को लगे एकेटीयू के यूपी स्टार्टअप एक्स्पो में इसे चयनित भी किया गया। जियो समेत कई निजी कंपनियों ने प्रोजेक्ट को बेहतर बताया और निवेश का ऑफर दिया। दाउदपुर निवासी शिवांश ने कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग से इसी वर्ष बीटेक उत्तीर्ण किया है। उनका कहना है कि तीन वर्ष की कठिन परिश्रम के बाद डिवाइस तैयार हो सकी। इसका नाम मोटर साइकिल ऑटोमेशन सेफ्टी सिस्टम (मास) रखा है। इस खोज में प्रो. आलोक श्रीवास्तव ने मदद की है। इस डिवाइस को तैयार करने में 600-700 रुपये लगते हैं। आगे बाइक के इंजन के आसपास कैमरा भी लगाया जाएगा, ताकि हादसे के दौरान की तस्वीरें भी प्राप्त की जा सकें। इस डिवाइस में दो चिप लगे हैं। एक हेलमेट में और दूसरा इंजन में फिट है। हेलमेट में एक छोटी बैटरी भी है, जो छह से आठ घंटे तक बैकअप देती है। इसकी खासियत भी है। जब तक बाइक चालक हेलमेट नहीं लगाएगा, तब तक बाइक स्टार्ट नहीं होगी। हेलमेट लगते ही 20 सेकेंड तक बीप की आवाज आएगी। हेलमेट में एक बटन है, जिसे दबाते ही आवाज बंद हो जाएगी। शिवांश कहते हैं कि एक साल के अंदर डिवाइस बाजार में उपलब्ध कराने की योजना है। पेटेंट होते ही इस पर काम शुरू होगा। इस डिवाइससे बड़ी मदद मिलेगी। घायलों को समय से इलाज मिल सकेगा। तमाम लोगों की जान बच सकेगी। वे कहते हैं, बाइक के इंजन के पास कैमरा लगाने की तैयारी भी है, ताकि हादसे के वक्त आसपास की फोटो भी मिल जाए। डिवाइस में पांच मोबाइल नंबर सेव होंगे। यह नंबर घरवालों और परिचितों के हो सकते हैं। दुघर्टना होने पर इन्हीं मोबाइल नंबरों पर अलर्ट का मैसेज व लाइव लोकेशन लिंक के एक साथ जाएगा। डिवाइस ऐसे करेगी काम
इस तकनीक के तहत दोनों चिप इंजन के स्टार्ट होते ही रेडियो फ्रिक्वेंसी के माध्यम से कनेक्ट हो जाएंगे। हेलमेट में लगा चिप तेज टकराहट होते ही इंजन को पहले बंद कर देगा। हेलमेट में जीपीएस डिवाइस लगी है, जिससे वह लोकेशन को मोबाइल नंबर पर भेजेगा। जब तक बैटरी काम करेगी, बाइक में लगा सायरन बजता रहेगा। इससे आसपास के लोगों को भी हादसे की जानकारी हो सकेगी। शिवांश बताते हैं, 2019 की बात है। बस से लखनऊ जा रहा था, बस्ती के पास सड़क हादसा हो गया था। बाइक सवार एक व्यक्ति व एक महिला घायल होकर गिरे थे, सड़क पर खून पसरा था। मैंने, बस में से ही पुलिस कंट्रोल को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंचने की जगह बार-बार मुझे फोन करके हादसे की वास्तविक जगह, गांव आदि पूछ रही थी। पता नहीं घायल बचे की नहीं, रात भर सो नहीं सका। इस घटना से मुझे ऐसी डिवाइस बनाने की प्ररेणा मिली।