संजय राय “शेरपुरिया” की पुलिस कस्टडी रिमांड 9 मई तक मंजूर

प्रखर लखनऊ/डेस्क। विशेष सीजेएम फरहा जमील ने करोड़ों की ठगी के मामले में निरुद्ध अभियुक्त संजय प्रकाश राय उर्फ़ संजय शेरपुरिया का पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर कर लिया है. कोर्ट ने अभियुक्त को तीन मई की सुबह 10 बजे से नौ मई की शाम चार बजे तक पुलिस की कस्टडी में सौंपने का आदेश दिया है.1 मई को इस मामले के विवेचक व थाना विभूति खंड के प्रभारी निरीक्षक राम सिंह ने अर्जी दाखिल कर अभियुक्त का दस दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड मांगा था. इस अर्जी पर अभियोजन अधिकारी विजय यादव व अतीक अहमद खान ने बहस की. उनका कहना था कि अभियुक्त से उसके संपर्कों के विषय में पूछताछ करना है. कहा गया कि अभियुक्त अपने संपर्कों का लाभ उठाकर लोगों को प्रभावित कर उनसे धन लेता था, जब लोग अपना धन वापस मांगते थे, तो मंत्रियों व नेताओं के साथ अपनी फोटो दिखाकर उनका मुंह बन्द कर देता था, इसने कई जगह छद्म नाम से संपत्ति बनाई है. कहा गया कि अभियुक्त को उन जगहों पर ले जाना है, उसके साथ इस धोखाधड़ी में शामिल लोगों के विषय में जानकारी व इससे महत्वपूर्ण साक्ष्य भी एकत्र करना है. उल्लेखनीय है कि 25 अप्रैल को एसटीएफ़ के इंस्पेक्टर सचिन कुमार ने इस मामले की एफआईआर थाना विभूतिखंड में दर्ज कराई थी, जिसके मुताबिक अभिसूचना विभाग ने एसटीएफ़ को जानकारी दी कि पिछले कई वर्ष से संजय प्रकाश राय अलग-अलग नाम से और अलग-अलग कंपनियों के ज़रिए लोगों से छल व धोखाधड़ी करके धन उगाही कर रहा है. इस सूचना पर जब एसटीएफ़ ने जांच की तो पता चला कि वह पहले कांडला एनर्जी एंड कैमिकल समेत कई कंपनियों का निदेशक रहा, लेकिन कंपनियों के बैंक डिफाल्टर हो जाने के बाद उसने अलग-अलग नाम से कई आईडी बनवाई और उससे कई अन्य कंपनियां बनाईं. इसका मुख्य कार्य लोगों को सरकार और बड़े अधिकारियों तक अपनी पहुंच दिखाकर व झांसे में लेकर धन उगाही करना है. इसके अलावा मनी लांड्रिंग, हवाला और टैक्स चोरी जैसे काम भी करता है।